Armed Mahindra गोली का कोई प्रभाव नहीं, कोई बम नहीं, 1000 किलोग्राम की भार क्षमता और 160 की शीर्ष गति … इन आंकड़ों से पता चलता है कि बख्तरबंद वाहन भारतीय सेना के लिए कितना शक्तिशाली होगा। हाल ही में महिंद्रा के पूर्ण स्वामित्व वाली रक्षा उपकरण निर्माता कंपनी महिंद्रा डिफेंस सिस्टम्स (एमडीएस) ने भारतीय सेना के लिए आर्माडो (महिंद्रा आर्माडो) आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल (एएलएसवी) की डिलीवरी शुरू की है।
Armed Mahindra भारत का पहला बख्तरबंद लाइट स्पेशलिस्ट वाहन है जिसे पूरी तरह से भारतीय सेना के लिए भारत में बनाया गया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने एक ट्वीट में इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा, “हमने भारत के पहले आर्मर्ड लाइट स्पेशलिस्ट व्हीकल की डिलीवरी शुरू कर दी है। जो हमारी सेना के लिए पूरी तरह से भारत में बना है
Armed Mahindra महिंद्रा ने 2021 में इस सौदे पर हस्ताक्षर किए थे।
आपको बता दें कि भारत सरकार इसे रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। इसको लेकर साल 2021 में भारत सरकार ने एक अहम फैसला लिया था. उस समय रक्षा मंत्रालय ने महिंद्रा डिफेंस से 1,300 हल्के बख्तरबंद वाहन खरीदने का ऑर्डर दिया था। महिंद्रा डिफेंस ने 1,056 करोड़ रुपये में यह डील साइन की थी। अब इन गाड़ियों की डिलीवरी शुरू हो गई है।
Armado ALSV के बारे में क्या खास है?
Armado ALSV पूरी तरह से लड़ाकू क्षेत्र में उपयोग के लिए डिज़ाइन किया गया है। भारतीय सेना इस वाहन का इस्तेमाल सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में गश्त और विशेष अभियानों के लिए कर सकती है। इसके अलावा यह यान युद्ध के दौरान सैनिकों को सुरक्षित लाने के काम आएगा। आर्माडो की कुछ विशेष क्षमताओं के बारे में बात करते हुए, इसमें 400 किलोग्राम की अतिरिक्त भार वहन क्षमता के साथ 1,000 किलोग्राम की उठाने की क्षमता है।
वहीं गोला-बारूद से सुरक्षा के लिए इसमें बी7 लेवल बैलिस्टिक प्रोटेक्शन और स्टैनाग लेवल-2 प्रोटेक्शन भी दिया गया है। इसका मतलब है कि कवच को भेदने वाली राइफलें भी इसे नुकसान नहीं पहुंचा पाएंगी। इसके अलावा इसे ग्रेनेड और बम हमलों से बचाने के लिए हर तरफ से बख्तरबंद सुरक्षा दी गई है।
महिंद्रा आर्माडो में 3.2 लीटर मल्टी फ्यूल डीजल इंजन लगा है जो 216 एचपी की पावर जनरेट करता है। इसमें 6-स्पीड गियरबॉक्स के साथ 4×4 सिस्टम का इस्तेमाल किया गया है। यह बख्तरबंद वाहन केवल 12 सेकंड में 0 से 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकता है।