पूर्ण बजट 2023 से ऑटो सेक्टर को बूस्टर डोज! अंतरिम बजट से क्या उम्मीद है?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2024 को लोकसभा में चुनाव पूर्व अंतरिम बजट पेश करेंगी। औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ देश के आम नागरिकों को, नौकरीपेशा लोगों को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। इस अंतरिम बजट से ऑटो इंडस्ट्री को भी काफी कुछ मिलने की उम्मीद है। खासतौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों, लिथियम आयन बैटरी के स्थानीय उत्पादन, इलेक्ट्रिक वाहनों के कलपुर्जों के स्थानीय उत्पादन, इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग पर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के विस्तार और इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री को लेकर नई इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी बनाई जानी है। सब्सिडी को लेकर उम्मीदें हैं। हालांकि, वित्त वर्ष 2023-24 के पूर्ण बजट में महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए सरकार द्वारा ऑटो सेक्टर को दी गई बूस्टर डोज, इसका असर पूरे साल 2023 में दिखाई देता रहा और देश में यात्री वाहनों की बिक्री और उत्पादन बजट लक्ष्य से ऊपर रहा।

के साथ बने रहे। अब इस अंतरिम बजट से भी ऑटो इंडस्ट्री को सरकार की तरफ से पूर्ण बजट की तरह ही काफी कुछ मिलने की उम्मीद है।

बजट 2023-24 में ऑटो इंडस्ट्री को क्या मिला?

  • 1 फरवरी 2023 को लोकसभा में बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिये कई अच्छे ऐलान किये थे।
  • इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री की गति बढ़ाने के लिए, उन्होंने बजट 2023 में आयातित लिथियम-आयन बैटरी पर सीमा शुल्क पर छूट की सीमा को एक और वर्ष बढ़ाने की घोषणा की थी।
  • उन्होंने कुछ चुनिंदा वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी 21 फीसदी से घटाकर 13 फीसदी करने की घोषणा की थी।
  • इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बजट के तहत आने वाले समय में सरकार पुराने वाहनों को नए वाहनों (खासकर एंबुलेंस जैसे वाहनों) और पुराने पड़ चुके वाहनों से बदलने पर ध्यान देगी।
  • पेट्रोल और डीजल की कीमतों को ध्यान में रखते हुए सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों पर ज्यादा से ज्यादा सब्सिडी देकर उन्हें आम आदमी की पहुंच में लाकर उनके चलन को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी।
  • इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनियों को भी सब्सिडी दी जाएगी, जो ग्रीन मोबिलिटी की दिशा में एक कदम होगा।
  • भारत 2070 तक शुद्ध शून्य कार्बन के लक्ष्य का पीछा कर रहा है। जिसके लिए 19,700 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

2023 में बूस्टर खुराक का क्या प्रभाव पड़ा?
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो वित्त वर्ष 2023-24 के पूर्ण बजट में ऑटो सेक्टर के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रावधानों का असर कैलेंडर वर्ष 2023 के दौरान वाहनों की बिक्री पर भी देखने को मिला। घरेलू बाजार में यात्री वाहन (पीवी) की मात्रा 2023 में पहली बार एक कैलेंडर वर्ष (सीवाई) के दौरान 4,000,000 इकाइयों के महत्वपूर्ण मील के पत्थर को पार करने की उम्मीद है, जिसमें कई मूल उपकरण निर्माताओं के साथ पूरे वर्ष मजबूत वाहन मांग और आपूर्ति श्रृंखला में सुधार हुआ है। पत्थर को पार किया। कैलेंडर वर्ष 2023 में यात्री वाहनों की बिक्री वर्ष 2022 की तुलना में लगभग 8.33 प्रतिशत बढ़कर 4,108,000 इकाई हो गई। वर्ष 2022 में यात्री वाहनों की बिक्री 3,792,000 इकाई थी।

अंतरिम बजट से क्या उम्मीद करें
अब जबकि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अंतरिम बजट पेश करने जा रही हैं तो ऑटो सेक्टर को भी उम्मीद है। ऑटो सेक्टर की कुछ बड़ी कंपनियों का मानना है कि सरकार को अंतरिम बजट में ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देने की नीति को जारी रखने की जरूरत है। उनका कहना है कि इसके अलावा बुनियादी ढांचा क्षेत्र के विकास की गति को बनाए रखने की भी जरूरत है।

मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) संतोष अय्यर ने कहा कि हमारा अनुमान है कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं पर पूंजीगत व्यय जारी रहेगा। सरकार को हरित गतिशीलता के लिए नीतिगत प्रोत्साहनों पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखना चाहिए। इससे देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति को तेज करने में मदद मिलेगी। लक्जरी कार उद्योग देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान देता है। ऐसे में ऑटो सेक्टर चाहता है कि ड्यूटी स्ट्रक्चर और जीएसटी में प्राथमिकता के आधार पर सामंजस्य स्थापित किया जाए। कुल मिलाकर आगामी बजट में हमें किसी तरह के ‘सरप्राइज’ की उम्मीद नहीं है।

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