भारत में आज भी लोकप्रिय है मारुति 800, 40 साल से कर रही है राज

Happy Birthday Maruti 800 देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) की पहली कार मारुति 800 आज अपना 40वां जन्मदिन मना रही है। 14 दिसंबर 1983 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने इस कार के पहले मॉडल की पहली चाबी दिल्ली निवासी हरपाल सिंह को सौंपी थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने भी मारुति 800 के 40 साल पूरे होने पर इंदिरा-राजीव गांधी को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट किया है।

जयराम रमेश X पर पोस्ट

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में ‘लोगों की कार’ मारुति 800 के लॉन्च को याद किया। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, ‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने इस कार के बैकग्राउंड में शांत लेकिन बेहद प्रभावी भूमिका निभाई थी। मारुति-सुजुकी और इसके कई प्रभावों का जश्न मनाते हुए, आइए असमानता और जलवायु परिवर्तन के दृष्टिकोण से रुकें और चिंतित रहें कि 50 प्रतिशत से अधिक कार बिक्री अब एसयूवी हैं।

भारत ने 40 साल पहले एक ‘क्रांति’ देखी थी

उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 40 साल पहले, भारत ने एक उपभोक्ता क्रांति देखी और देश के इंजीनियरिंग उद्योग को बदल दिया गया। लोगों की कार मारुति 800 लॉन्च की गई है और राष्ट्र इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को याद करता है, जिन्होंने पृष्ठभूमि में एक शांत लेकिन बहुत प्रभावशाली भूमिका निभाई। उन्होंने लिखा कि सुजुकी और वी कृष्णमूर्ति को याद करना भी जरूरी है, जिन्होंने ऐतिहासिक सुजुकी-मारुति संयुक्त उद्यम को संभव बनाया। कृष्णमूर्ति ने पहले भेल का निर्माण किया और बाद में सेल का कायाकल्प किया।

मारुति ने 14 दिसंबर 1983 को 800 कारें लॉन्च की थीं।

मारुति उद्योग ने 14 दिसंबर 1983 को भारत में अपनी पहली कार मारुति 800 लॉन्च की थी। इस कार को दिल्ली में लॉन्च किया गया था। इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी उपस्थित थे। इस मारुति कार के पहले ग्राहक दिल्ली के रहने वाले हरपाल सिंह थे, जिन्हें इंदिरा गांधी ने कार की चाबी सौंपी थी। यह बहुत भावुक क्षण था। हरपाल सिंह को मारुति की पहली कार 800 की चाबी सौंपते वक्त इंदिरा गांधी खुद काफी भावुक हो गई थीं। उस समय इंदिरा गांधी ने कहा था, ‘मैं चाहती हूं कि यह कार भारत के आम लोगों के काम आए।

संजय गांधी ने आम आदमी का कार का सपना देखा था।

इंदिरा गांधी के दूसरे और छोटे बेटे संजय गांधी का मारुति से गहरा नाता था। संजय गांधी ने भारत के आम आदमी के लिए एक कार का सपना देखा था। इसके लिए उन्होंने मारुति उद्योग से संपर्क किया था, लेकिन उनका सपना पूरा होने से पहले ही एक हादसे में उनकी मौत हो गई। इसके बाद उनका यह सपना पूरा होता नहीं दिख रहा था। ऐसे में इंदिरा गांधी ने इसे आगे बढ़ाना शुरू किया और वो पल भी आया जब 1983 में मारुति की पहली कार 800 हरपाल सिंह को बेची गई. इस कार को साल 1983 में संजय गांधी के जन्मदिन 14 दिसंबर को लॉन्च किया गया था। बाद के सालों में यह कार देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हुई और टॉप सेलिंग कारों में से एक बन गई।

हरपाल सिंह ने कितने पैसे में खरीदी मारुति 800?

दिल्ली निवासी हरपाल सिंह और उनकी पत्नी गुलशनबीर कौर ने 13 दिसंबर 1983 को लॉन्च के समय मारुति 800 कार को केवल 47,500 रुपये में खरीदा था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हाथों से मारुति 800 कार की पहली चाबी प्राप्त करने का सम्मान मिला था। इतना ही नहीं इस कार ने 1980 के दशक में देश में क्रांति ला दी और मारुति 800 भारतीय मध्यम वर्ग के लिए स्टेटस सिंबल बन गई।

मारुति 800 की पहली कार कहाँ बनाई गई थी?

इंदिरा गांधी ने हरपाल सिंह और उनकी पत्नी गुलशन कौर को जो मारुति 800 सौंपी थी, उसकी पहली चाबी हरियाणा में मारुति उद्योग के प्लांट में बनाई गई थी। यह कार 2010 तक हरपाल सिंह के पास रही जब उनकी मौत हो गई। उस कार का रजिस्ट्रेशन नंबर डीआईए 6479 था। अब मारुति की इस पहली यूनिट को कंपनी के मुख्यालय में प्रदर्शन के लिए रखा गया है।

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