iran israel war तेहरान और तेल अवीव युद्ध के मैदान में एक-दूसरे का सामना कर रहे हैं। अपने पहले हमले में ईरान ने तेल अवीव के आसमान को ड्रोन और मिसाइलों से आतंकित कर दिया, लेकिन अगर दोनों के बीच युद्ध छिड़ जाता है, तो ऊपरी हाथ किसके पास होगा? यह एक बड़ा सवाल है। क्योंकि ईरान के पास कई खतरनाक मिसाइलों की ताकत है। दूसरी ओर, इज़राइल के पास भी अमेरिकी हथियारों का एक बेड़ा है, लेकिन वास्तविकता यह है कि तेल अवीव ईरान की मिसाइल शक्ति की तुलना में फीका है।
ईरान परमाणु आपदा की पटकथा लिख रहा है। ईरान मध्य पूर्व में युद्ध के नए अध्याय लिख रहा है। ईरान इजरायल समेत अमेरिका को बता रहा है कि उसने मिडिल ईस्ट में उसे उकसाकर बहुत बड़ी गलती की है। ईरान के हमले के बाद पूरी दुनिया स्तब्ध है। क्योंकि ईरान के जवाबी हमले ने विश्व युद्ध के ट्रिगर को दबा दिया है। एक तरफ दुनिया इस बात को लेकर चिंतित है कि आगे क्या होगा, वहीं दूसरी तरफ युद्ध विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल ने इस हमले के लिए ईरान को उकसाया है। अगर इजरायल ने उस दुर्भाग्यपूर्ण तारीख को ईरान पर हमला नहीं किया होता। तो शायद स्थिति ऐसी नहीं है।
दमिश्क से चिंगारी कितनी दूर जाएगी?
1 अप्रैल को दो इजरायली एफ-35 फाइटर जेट्स ने सीरिया के गोलान हाइट्स से उड़ान भरी थी। इजरायल ने 6 ब्लेड वाली हेलफायर मिसाइल दागी। ईरान का वाणिज्य दूतावास कनाडा और ईरान के दूतावास के बीच था, लेकिन अपने बंकर हमले के लिए मशहूर हेलफायर मिसाइल ने दमिश्क में ईरान के वाणिज्य दूतावास को उड़ा दिया। इस हमले में ईरान के 2 सीनियर कमांडरों समेत 7 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद से ईरान बदले की आग में जल रहा था। ईरान में बारूद की बारिश का खतरा पूरे मध्य पूर्व पर मंडरा रहा था। व्हाइट हाउस से लेकर दुनिया की बड़ी एजेंसियों को अलर्ट जारी किया गया और जिसकी आशंका जताई जा रही थी। ईरान ने अपनी सबसे खतरनाक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया है। युद्ध विशेषज्ञों की नज़र में, ईरान की मिसाइलों का दुनिया की कई प्रमुख शक्तियों के साथ कोई मुकाबला नहीं है।
ईरान के पास है कई विनाशकारी मिसाइलें
ईरान के पास सेजिल मिसाइल, खुर्रमशहर-4, इमाद जैसी कई विनाशकारी मिसाइलें हैं। सेगिल मिसाइल आवाज की आवाज से 12-14 गुना तेजी से हमला कर सकती है। कई रिपोर्ट्स में पहले ही दावा किया जा चुका था कि इस बार ईरान मिसाइल या ड्रोन के जरिए इजरायल पर बड़ा हमला करेगा और हुआ भी ऐसा ही है। ईरान ने बैलिस्टिक, क्रूज मिसाइलों और कार्यात्मक ड्रोन के साथ इजरायल पर हमला किया। ईरान की कार्रवाई के बीच अमेरिका इजरायल की मदद के लिए आगे आया। खबरों के मुताबिक अमेरिका का विमानवाहक पोत यूएसएस ड्वाइट आइजनहावर लाल सागर के रास्ते इजरायल पहुंच गया है। वे ईरान द्वारा दागी गई मिसाइलों और ड्रोन को रोकने में सक्षम हैं। रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि अमेरिका ने ईरान की कई मिसाइलों और ड्रोन को भी इंटरसेप्ट किया है, लेकिन क्या वह ईरान के पूरी तरह से भड़के मिसाइल हमले को रोक पाएगा क्योंकि ईरान के पास ही घातक मिसाइलों का भंडार है।
जब गोलान हाइट्स से रॉकेट दागे गए
अभी तक ईरान दूसरे देशों में मौजूद विद्रोही संगठनों के जरिए इजरायल पर हमले करता रहा है, लेकिन अब ईरान ने इजरायल पर बारूद के ब्रह्मास्त्र की बारिश कर दी है। 2018 में ईरान ने सीरिया की ओर से गोलान पहाडियों पर रॉकेट दागे थे, लेकिन इस बार वह सामने से इजरायल में घुसकर भीषण हमला कर रहा है। क्या इजरायल इस युद्ध में ईरान के खिलाफ खड़ा हो पाएगा?
अब देखते हैं दोनों की ताकत ..
लड़ाकू विमान इज़राइल ईरान लड़ाकू जेट 241 186 टैंक 1370 1996 तोपखाना 650 580 युद्धपोत 67 101 पनडुब्बी 5 19 अटैक हेलीकॉप्टर 48 13 सेना 5.26 लाख 3.50 लाख नौसेना 19,500 18,500 वायु सेना 89 हजार 42 हजार रक्षा बजट $ 24.4 बिलियन $ 9. 95 अरब इसलिए दुनिया ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में जानती है। विशेषज्ञों का दावा है कि ईरान ने गुपचुप तरीके से परमाणु बम बनाया है। वहीं इसराइल के बारे में कहा जाता है कि उसके पास भी परमाणु बम हैं, लेकिन उसने उसे दुनिया से छिपाकर रखा है. ऐसे में अब जबकि ईरान ने अपनी मिसाइलों से इजरायल को आतंकित करना शुरू कर दिया है, तो दुनिया को भी डर लग रहा है कि आगे क्या होगा? क्या अमेरिका भी ईरान के खिलाफ इस युद्ध में खुलकर कूद पड़ेगा? या फिर खुद को ताकतवर मानने वाला इजरायल अकेले ही ईरान से सीधा युद्ध लड़ेगा।