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किआ सोनेट फेसलिफ्ट और टाटा नेक्सन फेसलिफ्ट के बीच भ्रमित न हों! हम बताएंगे कौन सी एसयूवी है बेहतर

किआ इंडिया ने अपनी बहुप्रतीक्षित कॉम्पैक्ट एसयूवी सोनेट को 14 दिसंबर को एक नए अवतार में पेश किया है। इच्छुक ग्राहक 25,000 रुपये का टोकन अमाउंट देकर इसे बुक कर सकेंगे। भारतीय बाजार में इसका सीधा मुकाबला टाटा नेक्सॉन से होने जा रहा है जिसे हाल ही में अपडेट किया गया है। आइए जानते हैं इन दोनों एसयूवी के बारे में।

विस्‍तृत जानकारी

किया सोनेट की लंबाई 3,995 मिमी और चौड़ाई 1,790 मिमी है, जो सोनेट के मौजूदा आयामों के समान है। हालांकि, एसयूवी की ऊंचाई 32 मिमी बढ़ गई है। यह पहले के 1,610 मिमी के बजाय अब 1,642 मिमी है। सोनेट फेसलिफ्ट एसयूवी का व्हीलबेस भी 2,500 मिमी है। इसे 7 ट्रिम्स में पेश किया जा रहा है। सोनेट की तुलना में, नई नेक्सॉन आकार में समान है, लेकिन यह 14 मिमी से थोड़ी चौड़ी है। हालांकि, नेक्सॉन की ऊंचाई नई सोनेट से थोड़ी कम है। टाटा मोटर्स नेक्सॉन एसयूवी कुल 11 वेरिएंट्स में उपलब्ध है।

सुविधाऐं

सोनेट अपने सेगमेंट की पहली एसयूवी है जिसे एडीएएस टेक्नोलॉजी के साथ पेश किया गया है। इसमें फ्रंट कोलिजन वॉर्निंग, ऑटोनॉमस इमरजेंसी ब्रेकिंग, लेन डिपार्चर वॉर्निंग, लेन कीपिंग असिस्ट और ब्लाइंड स्पॉट डिटेक्शन जैसे फीचर्स दिए गए हैं। नेक्सॉन में ये सभी फीचर्स नहीं मिलते हैं। सोनेट में कुल 25 सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं, जिसमें 6 एयरबैग स्टैंडर्ड के तौर पर शामिल हैं। नेक्सॉन में 6 एयरबैग भी दिए गए हैं, लेकिन इसमें एडीएएस टेक्नोलॉजी नहीं है। किआ ने सोनेट फेसलिफ्ट एसयूवी में पहले की तरह ही इंजन ऑप्शन पेश किए हैं। इसमें 1.2 लीटर पेट्रोल, 1.5 लीटर पेट्रोल और 1.5 लीटर डीजल इंजन शामिल हैं। नेक्सॉन में 1.2 लीटर टर्बो पेट्रोल इंजन दिया गया है, जो सोनेट के 1.2 लीटर पेट्रोल इंजन से ज्यादा पावरफुल है। नेक्सॉन का 1.5 लीटर डीजल इंजन भी सोनेट के 1.5 लीटर डीजल इंजन जैसा ही है।

किआ सॉनेट फेसलिफ्ट के फायदे:

  • एडीएएस प्रौद्योगिकी
  • महान सुविधाएँ
  • शक्तिशाली इंजन

टाटा नेक्सन फेसलिफ्ट के फायदे:

  • ज्यादा पावरफुल पेट्रोल इंजन
  • सस्ती कीमत

समाप्ति

कुल मिलाकर किआ सोनेट फेसलिफ्ट अपने सेगमेंट में एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें एडीएएस तकनीक, महान विशेषताएं और शक्तिशाली इंजन शामिल हैं। हालांकि नेक्सॉन भी एक अच्छी एसयूवी है, लेकिन इसमें एडीएएस टेक्नोलॉजी का अभाव है।

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