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ईरान-इजरायल युद्ध से बढ़ी चिंता, जानिए दुनिया पर कितना असर पड़ेगा

iran israel war शनिवार रात ईरान ने इजरायल पर विस्फोटक से भरी मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया था। इजरायल पर कम से कम 200 मिसाइलों से हमला किया गया है। मिसाइल ने इजरायल की रक्षा प्रणाली आयरन डोम को भी नष्ट कर दिया। ईरान के इस हमले ने तीसरे विश्व युद्ध की आशंका बढ़ा दी है। उधर, अमेरिका ने इजरायल को समर्थन देने का वादा किया है। युद्ध के कारण दुनिया के अलग-अलग देश अलग-अलग हिस्सों में बटे हुए लगते हैं। विश्व अर्थव्यवस्था पर इसका असर दिखने लगा है।

इसके साथ ही पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुए इसराइल और हमास के बीच युद्ध के बाद हालात और भी जटिल हो गए हैं. आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में इजरायल ने सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास पर हमला किया था। इसके बाद ईरान ने कड़ी प्रतिक्रिया की चेतावनी दी थी। चेतावनी के 48 घंटे के अंदर ईरान हमला कर सकता है, इसकी आशंका जताई जा रही थी, लेकिन 24 घंटे के अंदर ही ईरान ने हमला कर दिया। ईरान के अभूतपूर्व हमले ने दुनिया भर में चिंता पैदा कर दी है, पश्चिमी देशों ने हमले की निंदा की है और इस आशंका के बीच तत्काल संयम बरतने का आह्वान किया है कि संघर्ष मध्य पूर्व से आगे बढ़ सकता है। अगर यह संघर्ष बढ़ता है तो पूरा विश्व तेल संकट से लेकर महंगाई जैसी समस्याओं से घिर जाएगा।

एक साथ तीन मोर्चों पर युद्ध के कारण बेचैनी बढ़ी
इस समय पूरी दुनिया में तीन मोर्चों पर युद्ध चल रहा है। यूक्रेन और रूस के बीच पहला युद्ध चल रहा है। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण पूरी दुनिया में खाद्य संकट है। कई देशों में बड़ी मात्रा में आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। वहीं, हमास और इजरायल के बीच दूसरा युद्ध चल रहा है। हमास और इजरायल के बीच युद्ध के दौरान, हौथी हमले ने विश्व व्यापार के लिए खतरा पैदा कर दिया। अब ईरान और इजरायल के बीच युद्ध ने दुनिया में फिर से महंगाई बढ़ने की आशंका पैदा कर दी है। युद्ध के कारण तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का डर है। आशंका जताई जा रही है कि तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकती है। इससे विभिन्न देशों में महंगाई बढ़ेगी।

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा- हम तैयार हैं
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को एक वीडियो संबोधन में जोर देकर कहा कि इजरायल मजबूत और एकजुट है। लोगों और आईडीएफ के साथ सभी दुश्मनों पर जीत होगी। उन्होंने कहा कि तेल अवीव ईरान द्वारा सीधे हमले की तैयारी कर रहा है और उनके रक्षात्मक सिस्टम तैनात किए गए हैं। इज़राइल किसी भी स्थिति के लिए “रक्षात्मक और आक्रामक दोनों” के लिए तैयार है।

इजरायल के समर्थन में उतरा अमेरिका
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायल का समर्थन करते हुए कहा कि अमेरिकी बलों ने ईरान द्वारा लॉन्च किए गए लगभग सभी ड्रोन और मिसाइलों को मार गिराने में मदद की। बाइडन ने कहा कि उन्होंने ईरान के हमले के जवाब में ”संयुक्त राजनयिक प्रतिक्रिया” के समन्वय के लिए जी7 ब्लॉक की बैठक बुलाई है जबकि संयुक्त राष्ट्र में ईरान के स्थायी मिशन ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेदों के अनुसार हमले को ”वैध रक्षा” बताया। 51 का इस्तेमाल किया। ईरान ने कहा कि सैन्य कार्रवाई “हमारे राजनयिक के खिलाफ हमले के जवाब में” थी। उधर, इस्रायल पर ईरान के लापरवाह हमले की कड़ी निंदा करते हुए ब्रिटन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है। ईरान ने एक बार फिर दिखा दिया है कि वह अराजकता के बीज बोने पर आमादा है। ब्रिटेन इजरायल और हमारे सभी क्षेत्रीय भागीदारों की सुरक्षा के लिए खड़ा होगा।

भारत ने की संयम बरतने की अपील
इस बीच, भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने एक बयान जारी कर संयम बरतने और हिंसा से परहेज करने का आह्वान किया। बयान में कहा गया है कि हम इजरायल और ईरान के बीच बढ़ती दुश्मनी से गंभीरता से चिंतित हैं, जिससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है। बयान में दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की गई है। उधर, कनाडा ने भी इस्रायल के विरोध में ईरान के हवाई हमलों की निंदा की है| कनाडा ने कहा कि हम इजरायल के साथ खड़े हैं। हमास के क्रूर हमले का समर्थन करने के बाद, ईरानी शासन की नवीनतम कार्रवाई क्षेत्र को और अस्थिर कर देगी और स्थायी शांति को और अधिक कठिन बना देगी, प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान में कहा। ये हमले एक बार फिर शांति और स्थिरता के लिए ईरानी शासन की उपेक्षा को प्रदर्शित करते हैं। हम खुद को और अपने लोगों को उनसे बचाने के लिए इजरायल के हमलों का समर्थन करते हैं।

फ्रांस-स्पेन ने जताई चिंता
फ्रांसीसी विदेश मंत्री स्टीफन सेजर्न ने कहा कि ईरान अभूतपूर्व कार्रवाई का फैसला करके अपने अस्थिर कार्यों में एक नया कदम उठा रहा था और सैन्य वृद्धि का जोखिम उठा रहा था। स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने कहा, हम गहरी चिंता के साथ मध्य-पूर्व की घटनाओं पर नजर रखे हुए हैं। हम क्षेत्र में अपने दूतावासों के साथ स्थायी संपर्क में हैं जो इस क्षेत्र में स्पेनियों का समर्थन करने के लिए खुले रहेंगे। ,

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